Swati Sharma

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लेखनी कहानी -07-Nov-2022 हमारी शुभकामनाएं (भाग -20)

हमारी शुभकामनाएं:-

होली:-

                 होली रंगों से भरा रंग -रंगीला त्योहार है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। भूमिका और उसकी मित्र मंडली खूब धूम-धाम से त्योहार मनाते थे। परंतु, जब से भूमिका को स्किन पर रैशेज होने लगे उसने होली खेलना छोड़ दिया। इसलिए वह मां के पास बैठकर होली के विषय में कुछ चर्चा कर रही थी। उसकी मां उसे होली की कथा सुनाने लगीं तो उसने कहा कि उसे होली की भक्त प्रह्लाद वाली कथा तो मालूम है। मां उसे श्री कृष्ण एवम राधा की कथा सुनाने लगीं। भूमिका ने कहा वह भी उसे याद है। तब मां ने उसे एक नई कथा सुनाई जो उसने कभी नहीं सुनी थी। उन्होंने बताना आरंभ किया:-
                पौराणिक काल में माना जाता है कि पृथु नाम के एक राजा हुआ करते थे। उनके राज्य में ढुंढी नाम की राक्षसी हुआ करती थी जो बच्चों को मार देती थी। ढुंढी को मारना लगभग असंभव था, क्योंकि उसे वरदान प्राप्त था कि उसे किसी अस्त्र, शस्त्र से नहीं मारा जा सकता था। उसी समय राजा पृथु के राजपुरोहितों ने राक्षसी को मारने का एक अनोखा उपाय बताया। उपाय के अनुसार बच्चों ने फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लकड़ियां एकत्रित कर उन्हें प्रज्वलित किया। राजपुरोहितों के मुताबिक बच्चों को देखकर राक्षसी आएगी और बच्चों के हंसने, शोर, नगाड़ों और हुडदंग की आवाजें उसके लिए काल साबित होंगी। ऐसा ही हुआ भी, होली के दिन इस योजना के अनुसार पृथु के राज्य को राक्षसी ढुंढी से मुक्ति मिली। तभी से फागुन पूर्णिमा को ये रस्में निभाई जाती हैं।
                   भूमिका को कहानी काफ़ी नई और अनूठी लगी। कहा जाता है होली के दिन दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं, गीले शिकवे छोड़के दुश्मन भी गले मिल जाते हैं। परंतु, एक बार भूमिका की बुआ की लड़की ने उसे बताया कि कई बार ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं, जिसमें लोग होली के त्योहार की आड़ लेकर किसी से अपनी शत्रुता निकालते हैं या फिर कोई ईर्ष्या द्वेष की भावना के चलते किसी के किसी से अपनी भड़ास निकालने के लिए या किसी को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं।
                     भूमिका की बुआ की लड़की ने उसे यह भी बताया था, कि एक लड़के ने अपने मित्र से ईर्ष्या के चलते उससे द्वेष निकलने के लिए उसे नीचा दिखाने के लिए होली के रंग में ऐसा कुछ मिला दिया कि उस लड़के का पूरा चेहरा खराब हो गया। अतः उसकी आंखों की रोशनी भी जाते- जाते बची।
                       उसने बताया की कुछ लोग होली के दिन भांग भी पीते हैं तो, कुछ ठंडाई में भांग मिला देते हैं। इस तरह की घटनाओं से हमें सदैव बचना चाहिए। हमें त्योहार मनाने में इतना मशगूल नहीं होना चाहिए कि जाने - अंजाने में स्वयं का ही नुकसान कर बैठें। मित्रता भी ऐसे व्यक्तियों से करनी चाहिए, जो हमें कभी नुकसान ना पहुंचाएं। इस प्रकार से त्योहारों पर हमें किसी के भी द्वारा कोई पेय पदार्थ स्वीकारने से पहले, अच्छी प्रकार से सोचना एवम समझ लेना चाहिए। सतर्कता बेहद आवश्यक होती है, इसे हमें सदैव बरतना चाहिए।

#30 days फेस्टिवल / रिचुअल कम्पटीशन

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10 Comments

Vedshree

04-Dec-2022 07:52 PM

👌👌👌

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Swati Sharma

04-Dec-2022 10:50 PM

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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Gunjan Kamal

17-Nov-2022 02:08 PM

बहुत ही सुन्दर

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Swati Sharma

17-Nov-2022 03:18 PM

आपका हार्दिक आभार

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Palak chopra

15-Nov-2022 01:57 PM

Shandar 🌸

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Swati Sharma

15-Nov-2022 02:02 PM

Thank you

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